भोपाल । खरीफ सीजन में सोयाबीन मध्यप्रदेश की प्रमुख फसल है। देशभर में प्रदेश को कई सालों से सोयाबीन के मुख्य उत्पादक के रूप में जाना जाता है। अब इस मामले में मप्र को महाराष्ट्र से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे के अनुसार अभी तक की बोवनी के मामले में मप्र सोयाबीन के रकबे में महज 4 लाख हेक्टेयर ही ज्यादा है।
देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की अब तक हुई बोवनी का आंकड़ा जारी किया गया है। सोपा ने अपने सर्वे के आधार पर यह आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि देश में 6 जुलाई तक 70 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है। इस प्रकार देश में सोयाबीन का रकबा पिछले साल के बराबर ही रहने की उम्मीद है। सोपा का सर्वे बता रहा है कि इस अवधि में यानि 6 जुलाई तक सोयाबीन की सबसे ज्यादा बोवनी मध्यप्रदेश में हुई। सोपा के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में इस तिथि तक कुल 30.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन बोया गया है। बोवनी के मामले में महाराष्ट्र, एमपी को कड़ी टक्कर दे रहा है। सोयाबीन की बुवाई में महाराष्ट्र न केवल दूसरे नंबर पर है बल्कि रकबे के आधार पर मप्र से महज 4 लाख हेक्टेयर ही पीछे है। सोपा के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 6 जुलाई तक 26 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हो चुकी थी।
सोपा के सर्वे की मानें तो अन्य राज्य सोयाबीन की बोवनी मेें मप्र से बहुत पीछे हैं। 6 जुलाई तक राजस्थान में 7 लाख हेक्टेयर में, तेलंगाना में 2.60 लाख हेक्टेयर में, कर्नाटक में 2.37 लाख हेक्टेयर में और गुजरात में 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है। हालांकि सरकारी सर्वे और सोपा के सर्वे के आंकड़ों में खासा अंतर है. सरकार के सर्वेक्षण में 1 जुलाई की स्थिति में सोयाबीन की कुल बुवाई 34.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बताई गई थी। सोपा का सर्वे में 6 जुलाई की स्थिति में कुल बोवनी 70.06 लाख हेक्टेयर में बताई जा रही है।