भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि पीड़ित जनों के लिए आरोग्य भारती का सेवा भाव अनुकरणीय है। फिजियोथैरेपी से जुड़े विद्यार्थी और सेवार्थी आरोग्य भारती के सेवा भावी कार्यों से प्रेरणा ले। गरीब, वंचित और पीड़ितों की सेवा के लिए हमेशा सक्रिय सहभागिता करें। राज्यपाल पटेल रवीन्द्र भवन भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय फिजियोथैरेपी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल पटेल ने फिजियोथैरेपी से जुड़े विशेषज्ञ और चिकित्सकों से कहा कि सिकल सेल एनीमिया के उपचार और शोध में फिजियोथैरेपी के उपयोग और संभावना पर मंथन करे। उन्होंने कहा कि शरीर और मन की तंदुरूस्ती के लिए युवा स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। पौष्टिक खान-पान, नियमित योग, व्यायाम, भरपूर पानी और नींद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनायें।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि हम सभी खराब खान-पान और अनियमित जीवनशैली से स्वास्थ्य में गिरावट, परेशानी और कष्ट का अनुभव करते हैं। ऐसे समय में फिजियोथैरेपी के माध्यम से बिना किसी दवा, मरहम और सर्जरी के संपूर्ण स्वास्थ्य को समग्र रूप से ठीक किया जाना सम्भव है। उन्होंने कहा कि फिजिकल थैरेपी, व्यक्ति की जीवन चर्या, खान-पान और शरीर की प्रभावी देखभाल से चमत्कारी परिणाम दे सकती है।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के “सबके लिए स्वास्थ्य” के लक्ष्य को प्राप्त करने में फिजियोथैरेपी का प्रसार महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इसके लिए जरूरी है कि फिजियोथैरेपी पद्धति का प्रभावी अभिलेखन हो। शोध और अनुसंधान के प्रयासों को और अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी चिकित्सा प्रणाली तक वंचित और गरीब जन की पहुंच बढ़ाने के प्रयासों में आरोग्य भारती जैसी संस्थाऐं समाज का नेतृत्व कर सकती हैं। उन्होंने देशभर में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के प्रचार और सहयोग प्रयासों के लिए संस्था की सराहना की।

राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान धनवन्तरी और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। पटेल का आरोग्य भारती संस्था भोपाल के कार्यकारी अध्यक्ष ने श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। राष्ट्रीय फिजियोथैरेपी कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ. अभिजीत देशमुख ने दिया। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने संस्था के कार्यों और प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। राज्य निजी विश्वविद्यालय विनिमायक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण सिंह और चिरायु मेडिकल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. अजय गोयनका ने अपने विचार रखे। आभार डॉ. पी.आर. सुरेश ने माना। कार्यक्रम में फिजियोथैरेपी से जुड़े चिकित्सक, विशेषज्ञ, विद्यार्थी उपस्थित थे।