भोपाल । शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए मिशन अंकुर के तहत प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली और दूसरी में अध्यापन नई शिक्षा नीति के तहत किया जाएगा। इसके लिए सभी प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। नए पैटर्न में पढ़ाई के साथ हर सप्ताह दक्षता का आंकलन किया जाएगा। छह दिन बच्चे की पढ़ाई होगी और सातवें दिन आंकलन किया जाएगा। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को प्रभावी बनाने और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए देश भर में केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा योजना निपुण लागू की गई है। मध्य प्रदेश में इसे अंकुर नाम से शुरू किया है।

विशेष पाठ्यक्रम से होगी पढ़ाई
योजना अंतर्गत इस वर्ष कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले और पहली से दूसरी में पहुंचे विद्यार्थियों के लिए विशेष पाठयक्रम तैयार किया गया है। इसमें सत्र शुरू होने से लेकर दीपावली अवकाश तक केवल अभ्यास पुस्तिकाओं से ज्ञानार्जन करवाया जाएगा। पुस्तकों से पढ़ाई सितंबर-अक्टूबर के बाद होगी। जून माह में प्रयास अभ्यास पुस्तिका से बच्चे प्रारंभिक ज्ञान हासिल करेंगे। वहीं जुलाई माह में अभ्यास पुस्तिका तथा अगस्त माह में व्यवहारिक विषयों की शिक्षा दी जाएगी। इनका प्रतिदिन का पाठयक्रम भी तय रहेगा। शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

फाइंडेशन मजबूत करने पर रहेगा जोर
मिशन अंकुर में बच्चों की मूल अवधारणाएं (बेसिक कान्सेप्ट) की समझ विकसित करने के लिए फाउंडेशन लिटरेसी को सिखाया जाएगा। अंक प्रणाली और गणतीय गणनाएं समझाने के लिए खासतौर पर न्यूमेरेसी प्रोग्राम चलाया जाएगा। इस तरह बच्चों में खेल-खेल में चीजों को सीखने की ललक बढ़ेगी। कक्षाओं में अलग-अलग कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित होने से छात्र-छात्राएं सरलता से पढ़ाई कर सकेंगे।

सीएम राइज स्कूल में भी रहेगा नया पैटर्न
सीएम राइज स्कूलों में भी ग्रेड-1 और 2 में मिशन अंकुर के तहत ही पढ़ाई कराई जाएगी। सीएम राइज स्कूलों में वैश्विक स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य तैयार किया गया है। इसको दृष्टिगत रखते हुए ग्रेड-1 और 2 के बच्चों की मूलभूत साक्षरता मजबूत करने के लिए मिशन अंकुर की शुरूआत की गई है। मिशन अंकुर सामग्री दोनों ग्रेड में छात्रों के लिए अभ्यास पुस्तिका और शिक्षकों के लिए शिक्षक मार्गदर्शिका तैयार की गई है।

पढाई की आदत डालने का रहेगा प्रयास
कोविड-19 के चलते 30 से 40 फीसदी छात्रों में रीडिंग हेबिट का लॉस हुआ है। कई छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से भी नहीं जुड़ सके, जिसके चलते उनमें लिखने पढऩे की आदत कम हुई है। इसे देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र इस तरह का बदलाव कर रहा है। कक्षा एक से आठ तक स्कूलों में पढ़ाई का विभाजन कर दिया गया है। कक्षा 1 एवं 2 में मिशन अंकुर के माध्यम से एफएलएन बेस स्टडी, टेक्स्ट बुक बेस्ड लर्निंग की जाएगी।