मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे केनेतृत्व वाले गुट ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पिछले साल एनडीए में लौटना चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर मुकर गए. शिंदे मंगलवार को दिल्ली पहुंचे थे. शिवसेना में 40 के करीब विधायकों की बगावत के बाद शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं. अब शिवसेना के सांसदों में भी फूट पड़ती नजर आ रही है. शिवसेना के 12 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से मिलकर लोकसभा में नए नेता की नियुक्ति की मांग की है.
मंगलवार शाम संसद परिसर में सीएम शिंदे और पार्टी के उनके सहयोगियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया. शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने दावा किया कि पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे एनडीए में "फिर से शामिल" होना चाहते थे, लेकिन बाद में पीछे हट गए.
सांसद शेवाले को संसद में अलग शिवसेना समूह में एक प्रमुख भूमिका दी गई है, जो शिंदे गुट के साथ हैं. कल, 12 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिवसेना के अलग समूह के बारे में सूचित किया था और बताया था कि उनका नेतृत्व शेवाले करेंगे.
इसी के साथ शिवसेना के 18 में से 12 सांसदों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की है. ऐसे में साफ दिखाई दे रहा है कि सांसद भी अब ठाकरे गुट से बगावत करने वाले हैं. शिवसेना के इन सांसदों ने उद्धव ठाकरे को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीएम के उम्मीदवार को वोट करने के लिए मजबूर किया था. जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मु्र्मू को वोट देने की घोषणा की थी.