नई दिल्ली । रोहिंग्या मुस्लमानों को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान से मचे बवाल से केंद्रीय गृह मंत्रालय को स्पष्टीकरण देना पड़ा और फिर केंद्रीय मंत्री पुरी ने गृह मंत्रालय के बयान को सही ठहराया। लेकिन साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली दफा दो मंत्रालयों के बीच में तालमेल में कमी उजागर हुई है। रोहिंग्या मुस्लमानों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए निर्मित फ्लैट में भेजने के किसी कदम से गृह मंत्रालय के इनकार करने के बाद केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि गृह मंत्रालय का बयान सही स्थिति को बताता है। हालांकि इसके पहले पुरी ने ट्वीट में कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा मिलेगी।
मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने नजर आ रही है। भाजपा ने इसबारे में रोहिंग्या मुसलमानों को देश के लिए खतरा बताया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि रोहिंग्या घुसपैठिए भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल राष्ट्र सुरक्षा को ताक पर रखकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की स्पष्ट नीति है कि राष्ट्र सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। रोहिंग्या घुसपैठिए हमारे देश की अखंडता के लिए खतरा हैं। हमारे देश का कानून ये कहता है कि इन्हें डिपोर्ट किया जाएगा और ये क्षेत्राधिकार गृह मंत्रालय का है। तब ऐसा क्यों हुआ कि 29 जुलाई को हुई बैठक में, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने की उसमें जल्दबाजी में फैसला किया गया कि इन सभी घुसपैठियों को ईडब्ल्यूएस के लिए बन रहे घरों में शिफ्ट किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा।