भोपाल । राजधानी भोपाल में रायसेन रोड स्थित पटेल नगर में म.प्र. वैश्य कल्याण ट्रस्ट द्वारा बनाए जा रहे पांच मंजिला  वैश्य भवन के निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक इस भवन की तीरा मंजिल का छत भी भरी जा चुकी है। राज्य के कोने-कोने से अपने विभिन्न कार्यों के लिए राजधानी आने वाले सभी वैश्य बंधुओं को इस भवन का लाभ अगले वर्ष के अंत तक मिलने लगेगा।
ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरिश अग्रवाल, महामंत्री एवं म.प्र. वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता तथा महामंत्री अरविंद बागड़ी ने बताया कि लगभग 35 हजार वर्गफुट क्षेत्र में बन रहे इस भवन में 28 कमरे,  2 सभागृह, डोरमेट्री, कांफ्रेंस रूम एवं पार्किंग सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। भवन पर लगभग 8 से 10 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इन्दौर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन के चेयरमैन विनोद अग्रवाल, प्रेमचंद गोयल, पवन संघानिया मोयरा, भरत मोदी, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, दिनेश मित्तल सहित अनेक समाजसेवियों ने इस भवन के लिए सहायता राशि प्रदान की है। भवन में तल मंजिल पर पार्किंग, प्रथम मंजिल पर मातुश्री चमेलीदेवी अग्रवाल की पुण्य स्मृति में 8 हजार वर्गफुट में एक सभागृह और अन्य निर्माण कार्य होंगे। भवन की पहली मंजिल का सम्पूर्ण खर्च समाजसेवी विनोद अग्रवाल ने वहन करने का संकल्प व्यक्त किया है। सभागृह में बैठक क्षमता 600 लोगों की रहेगी। भोपाल में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओँ, सरकारी कार्यों, मरीजों को लेकर आने वाले और अन्य किसी प्रयोजन से राज्य के कोने-कोने से राजधानी आने वाले वैश्य बंधु इस भवन का उपयोग कर सकें, इसी उद्देश्य से भवन में बड़े सभागृह एवं सर्वसुविधायुक्त कमरों का निर्माण किया जा रहा है। दूसरी एवं तीसरी मंजिल पर 14-14 वातानुकूलित सर्वसुविधायुक्त कमरे तथा प्रत्येक मंजिल पर एक डोरमेट्री रहेगी।
गुरुवार को इस भवन की तीसरी मंजिल की छत भरने का काम पूरा हो गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरिश अग्रवाल ने  भास्कर समूह के प्रमुख ब्रह्मलीन रमेशचंद्रजी अग्रवाल की भावना के अनुरूप भवन निर्माण की योजना इस ढंग से तैयार की है कि राज्य का प्रत्येक वैश्य बंधु इसका लाभ भी ले और इसके निर्माण में भागीदार भी बने। प्रदेश में यह अपनी किस्म का पहला वैश्य भवन बन रहा है। भवन निर्माण में राज्य के लगभग सभी जिलों के वैश्य बंधुओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। भवन निर्माण की रफ्तार को देखते हुए उम्मीद है कि अगले वर्ष के अंत तक भवन बनकर तैयार हो जाएगा।