पणजी । गोवा कांग्रेस में उठा बगावत का गुबार अब ठंडा पड़ता दिख रहा है। कांग्रेस ने अपने जिस नेता माइकल लोबो को ‘गद्दार’ और ‘पीठ में छुरा भोंकने’ वाला करार दिया था, वह कुछ समय के अज्ञातवास के बाद सोमवार रात पणजी में कांग्रेस दफ्तर में लौट आए। लोबो और तीन अन्य विधायकों ने गोवा कांग्रेस में फूट रोकने के लिए सोनिया गांधी की तरफ से भेजे गए पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक आदि नेताओं के साथ बैठक की।
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आए हैं और कांग्रेस पार्टी के साथ हैं हम कहीं नहीं जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने लोबो के साथ जिन पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस विधायकों को बरगलाने की कोशिश का आरोप लगाया था, उन्होंने अभी कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से सख्त तेवर दिखाए जाने के 24 घंटे के अंदर ही माइकल लोबो सोमवार रात को मुकुल वासनिक, गोवा मामलों के इंचार्ज दिनेश गुंडू राव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित पाटकर से मुलाकात करने पहुंच गए।
लोबो के साथ उनकी पत्नी डेलिया लोबो और दो विधायक केदार नाइक और राजेश फलदेसाई भी शामिल थे। चारों रविवार को गुंडू राव की तरफ से बतौर शक्ति प्रदर्शन की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं गए थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राव ने लोबो और कामत पर आरोप लगाया था कि वे भाजपा से मिलीभगत करके कांग्रेस के 11 में से दो-तिहाई विधायकों को बगावत के लिए भड़का रहे हैं।
रात 11 बजे तक कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करके बाहर आए लोबो ने कहा, मैंने उनसे कहा है कि हम कांग्रेस से चुने गए हैं और हमारा कार्यकाल पांच साल का है हम कहीं नहीं जा रहे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नेता कौन है या कौन दलबदल की कोशिश कर रहा है, हम मजबूती से पार्टी के साथ हैं। लोबो ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के मुद्दे पर कहा कि मैंने तो खुद ही पार्टी से कहा था कि मैं इस पद पर नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करने का कोई आधार नहीं है, हालांकि इसका फैसला सदन के स्पीकर को करना है।
लोबो और अन्य विधायकों के साथ बैठक के बाद मुकुल वासनिक ने सिर्फ इतना कहा कि बैठक अच्छी रही। वहीं कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव से जब पूछा गया कि क्या पार्टी के लिए लोबो अब भी गद्दार हैं, तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि कांग्रेस बड़े दिल वाली पार्टी है, लेकिन कुछ चीजें अभी सुलझी नहीं हैं। हमें जो करना था, हमने कर दिया। कांग्रेस पार्टी में कथित बगावत की खबरों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव टाल दिया है।