भोपाल । मध्यप्रदेश में भारी बारिश से पानी की आवक दिन-ब-दिन बढ़ रही है, ऐसे में प्रदेश में स्थित अधिकतर डेमों के गेट खोल दिए हैं, एक तरफ भारी बारिश, तो दूसरी तरफ डेमों से पानी छोडऩे से कई निचली बस्तियों और डेमों के समीप रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं, ताकि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं बनें। आपको बतादें कि प्रदेश में हर साल अगस्त सितंबर माह में डेमों के गेट खोले जाते हैं, लेकिन इस बार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के अधिकतर डेमों के गेट जुलाई के दूसरे सप्ताह से ही खुलने लगे हैं, अधिकतर डेमों के गेट खुल जाने से जहां लोग प्रकृति का लुत्फ लेने पहुंच रहे हैं, वहीं कई डेमों से निकल रहे भयंकर पानी से लोग काफी परेशान हो चुके हैं, क्योंकि उनके घर आंगन में भी जल भराव हो गया है। तवा डेम-नर्मदापुरम जिले में स्थित तवा डेम के गेट खुले कई दिन हो गए हैं, यहां शुरूआत से ही सारे गेट खोल दिए गए हैं, इस कारण काफी मात्रा में पानी छूटने के कारण कई गांव और निचली बस्तियां जलमग्न हो गई है। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है, वहां प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिया है।

भदभदा बांध का गेट खोला
भोपाल में रविवार को भदभदा बांध का सात गेट खोल दिए गए। शनिवार को दो गेट खोले गए थे। बड़े तालाब का भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा हे।

कलियासोत के खोले 5 गेट
राजधानी भोपाल स्थित कलियासोत में भी वॉटर लेवल बढ़ रहा है। कलियासोत के 13 में से 9 गेट खोले गए। यहां भारी बारिश के चलते पानी की आवक काफी अधिक हो गई है।

सतपुड़ा डेम के सभी 14 गेट फ्री
पहाड़ी नदियों से अचानक आई बाढ़ के बाद सतपुड़ा डेम के सभी 14 गेट फ्री कर दिए गए हैं। डेम के सभी गेटों से प्रति सेकंड करीब 135000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सीजन में पहली बार सतपुड़ा डेम के 14 गेट खोलकर तवा नदी में 135000 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़े जाने से निचली नदियों में जलजला है। निचली नदी पर निर्माणाधीन नांदिया घाट और शिवनपाठ पुल बाढ़ में डूब गए हैं। वहीं डेम के गेटों से छोड़े जा रहे पानी का विहंगम दृश्य देखने लोग तवा टू ब्रिज और सतपुड़ा डेम पहुंच रहे हैं। पहाड़ी नदियों से बाढ़ के रूप में सतपुड़ा डेम में आ रहे पानी के चलते आसपास के गांवों में जलभराव जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश के प्रमुख जलाशयों में से एक सतपुड़ा जलाशय सारनी के लगातार गेट खुले हैं। इससे तवा नदी में भयंकर बाढ़ है।

सापना बांध ओवर फ्लो
बैतूल जिले में हो रही लगातार बारिश से सापना बांध भी ओवर फ्लो हो गया है। बांध से पानी छलककर बहने लगा है, जैस-जैसे पानी की आवक बढ़ रही है बांध से पानी निकलने वाले पानी की चादर मोटी होती जा रही है। अधिक बारिश के चलते यह बांध अन्य सालों की अपेक्षा इस बार पहले ही छलक उठा है, हर बार ये बांध अगस्त और सितंबर माह में छलकता है।

ऑटोमेटिक खुलेंगे केरवा डेम के गेट
आपको बतादें कि भोपाल में स्थित केरवा डेम के गेट ऑटोमेटिक हैं, जो जलस्तर खतरे के निशान पर आते ही खुल जाएंगे, यहां पानी की भरपूर आवक हो गई है, महज 6 फीट पानी और आते ही गेट खुल जाएंगे, वहीं पर्यटकों की पहली पसंद माना जाने वाले कलियासोत में भी जमकर पानी आ चुका है, यहां दोपहर बाद से ही पर्यटक प्रकृति का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।

राजघाट डेम के खुले 8 गेट
मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित राजघाट डेम के 8 गेट खोल दिए हैं, भारी बारिश के चलते यहां पानी की जमकर आवक हो रही है। बेतवा नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण यहां प्रति सैकेंड 25.48 लाख लीटर पानी गेट से बाहर निकल रहा है।


औंकारेश्वर डेम के खोले सभी गेट
खंडवा जिले में स्थित औंकारेश्वर डेम के सभी गेट खोल दिए गए हैं।

इंदिरा सागर डेम में बढ़ा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश से खंडवा जिले में स्थित इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचली बस्तियों और डेम प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। ताकि वे समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं। ओंकारेश्वर पॉवर स्टेशन की बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ ने खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी और देवास कलेक्टर-एसपी व संबंधित एसडीएम को आगाह किया है। ताकि वे समय पर ओंकारेश्वर बांध तथा नर्मदा तटीय क्षेत्रों में आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करें। इंदिरा सागर के ऊपरी हिस्सों में तथा कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश हो रही है।

बारना डेम के गेट खोले
भारी बारिश के चलते बढ़ी पानी की आवक के चलते बारना बांध के गेट खोल दिए गए हैं, बारिश के चलते यहां आसपास के क्षेत्रों में जल भराव हो रहा है।

पहली बारिश में फूट गया डेम
भीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत रंभा में 26 लाख की लागत से बना अमृत सरोवर डैम तेज बारिश के चलते फूट गया। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भीमपुर ब्लॉक में कई अमृत सरोवर डैम बनाए गए हैं। यहां कुछ महीने पहले ही 26-26 लाख रुपए की लागत से दो डेम बनाएं गए, इसमें एक फूट गया।