447 स्कूलों को शिक्षक मिलने से ग्रामीण शिक्षा को मिला नया संबल
रायपुर: युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य की कुल 453 शिक्षक विहीन शालाओं में से 447 स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। 16 जून से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में घंटी बजेगी, क्लास लगेगी और बच्चों के पढ़ाई के स्वर गुंजेंगे।
शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से एक नई उम्मीद जगी है। बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद फिर से पालक संजोने लगे हैं। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षक विहीन 357 प्राथमिक शालाओं, 30 माध्यमिक शालाओं में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। सुकमा जिले के चार और बीजापुर जिले के दो हाई स्कूलों को छोड़ भी दें, तो राज्य में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक अब शिक्षक विहीन नहीं है।
प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया गया: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य के कई स्कूल शिक्षक विहीन स्थिति में थे विशेष रूप से सुदूर अंचलों के। इसलिए हमनें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है। शत-प्रतिशत शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना इस प्रक्रिया की सफलता का प्रमाण है। यह हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया सफल प्रयास है।
4465 स्कूलों में दो से अधिक शिक्षकों की पदस्थापना
बता दें कि राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय थे, इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो अथवा दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। मात्र 1207 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इसी तरह 211 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में से 204 शालाओं दो अथवा दो अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, अब मात्र 7 माध्यमिक शालाएं ही एकल शिक्षकीय रह गई हैं। 49 एकल शिक्षकीय हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना पूरी कर ली गई है। आज की स्थिति में मात्र एक हाई स्कूल एकल शिक्षकीय बचा है।