भाेपाल ।  वर्तमान में कोई भी प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून ट्रफ भी उत्तर भारत के उत्तरी क्षेत्र की तरफ चला गया है। इस वजह से मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियाें में कमी आने लगी है। हालांकि दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक इस मौसम प्रणाली के असर से शनिवार काे रीवा, जबलपुर, शहडाेल, सागर, ग्वालियर संभागाें के जिलाें में कहीं-कहीं वर्षा हाेने की संभावना है। उधर शुक्रवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 25, बैतूल में 15, पचमढ़ी में तीन, सतना, नरसिंहपुर में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से प्रदेश में वर्षा की गतिविधियाें में कमी आने लगी है। वातावरण से नमी कम हाेने से बादल भी छंटने लगे है और कहीं-कहीं धूप भी निकलने लगी है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। राजस्थान और उससे लगे दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून ट्रफ कम दबाव के क्षेत्र से सीकर, सुल्तानपुर, देहरी, पुरुलिया, दीघा से हाेते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। शुक्ला के मुताबिक दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर मौजूद चक्रवात के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी मप्र में वर्षा हाे रही है। शनिवार काे भी रीवा, जबलपुर, शहडाेल, सागर, ग्वालियर संभागाें के जिलाें में कहीं-कहीं वर्षा हाेने के आसार हैं। हालांकि अब भारी वर्षा हाेने की संभावना कम है। प्रदेश के शेष जिलाें में अब धीरे-धीरे मौसम साफ हाेने की उम्मीद है। बता दें कि इस सीजन में शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 927.3 मिमी. वर्षा हाे चुकी है, जाे सामान्य वर्षा 734.7 मिमी. की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। हालांकि अभी भी चार जिलाें सीधी, रीवा, दतिया एवं आलीराजपुर में सामान्य से कम वर्षा हुई है।