नई दिल्ली । कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा, इस लेकर कांग्रेस पार्टी में बैठकों और मंथन का दौर चल रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दुबारा इस पद को संभालने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सोनिया गांधी की कई बार कोशिश के बाद भी राहुल अपनी बात पर अड़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी परिस्थिति में सोनिया गांधी सीनियर नेता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पार्टी की कमान सौंपना चाहती हैं। लेकिन, गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने ने मना कर दिया है। गहलोत सहित कई कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को तर्क दिया कि गांधी परिवार के अलावा और कोई पार्टी को बांध के नहीं रख सकता।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के आला नेताओं ने सोनिया गांधी को सलाह दी है, कि अगर राहुल गांधी नहीं मानें, तब सोनिया गांधी ही 2024 तक कांग्रेस की अध्यक्ष बनी रहें। या फिर प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान दी जा सकती है। गहलोत के अलावा मुकुल वासनिक, वेणुगोपाल, सैलजा, मलिकार्जुन खड़गे, भूपेश बघेल चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच सोनिया अपने रूटीन चेकअप के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ विदेश जा रही हैं। इसके बाद अध्यक्ष पद का मामला लटक गया है।
बताया जा रहा हैं कि सोनिया गांधी ने भी अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर फिर से पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी के इस फैसले ने सभी का ध्यान अब प्रियंका गांधी वाड्रा पर केंद्रित कर दिया है, क्योंकि 136 साल पुराने संगठन के अधिकांश सदस्य अभी भी यही चाहते हैं कि पार्टी की अगुआई गांधी परिवार का ही कोई सदस्य करे, लेकिन इस साल के उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रियंका का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा और यह कई लोगों के दिमाग में है। सूत्रों से जानकारी मिली कि राहुल गांधी को इस बात के लिए काफी प्रेरित किया गया, कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद की भूमिका स्वीकार कर लें, लेकिन कोई भी कोशिश सफल नहीं हो सकी। 2019 के आम चुनाव में हार के बाद इस्तीफा देने के बाद से पार्टी सदस्यों की अपील को ठुकराते हुए, राहुल अपनी अनिच्छा पर अडिग रहे हैं।