भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को मौद्रिक नीति का ऐलान करने वाला है.उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है. इससे आपके होम लोन का ब्याज भी कम होगा और आने वाले महीनों में ईएमआई भी घटेगी. ऐसे में होम लोन से जुड़े इस ट्रिक को समझने में फायदा है. होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले चुकाने पर आपका बहुत सारा पैसा बच सकता है.

ब्याज का बोझ होगा कम

होम लोन की ईएमआई टाइम से पहले पर चुकाना हमेशा एक स्मार्ट कदम माना जाता है. ये आपके होम लोन का ब्याज कम करने के साथ-साथ ईएमआई का बोझ भी कम करता है. होम लोन के प्री-पेमेंट से आपका प्रिंसिपल अमाउंट कम होता है, जो आपके लोन टेन्योर को भी कम करता है.

सुधरेगा सिबिल स्कोर

होम लोन का प्री-पेमेंट सिर्फ आपकी ईएमआई का बोझ और ब्याज ही कम नहीं करता. बल्कि आपके सिबिल स्कोर को भी बेहतर बनाता है. सिबिल स्कोर असल में आपकी लोन लेने की क्षमता का एक पैमाना है. ये आपकी साख तय करता है और इसी के आधार पर बैंक आपको लोन देने के बारे में फैसला लेते हैं. सिबिल स्कोर का 750 अंक से ऊपर होना हमेशा अच्छा माना जाता है.

कितना है होम लोन का ब्याज

अप्रैल 2025 तक देश के प्रमुख बैंक एसबीआई, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसी बैंक और अन्य बैंकों के होम लोन की ब्याज दरें 8.25 प्रतिशत से 10.25 प्रतिशत के बीच हैं. अब कल आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव करने के इनमें बदलाव हो सकता है.

आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के एमडी और सीईओ ऋषि आनंद का कहना है कि होम लोन का प्री-पेमेंट फाइनेंशियल तौर पर अच्छा फैसला हो सकता है. अगर आपका होम लोन फ्लोटिंग ब्याज रेट पर है, तो इस तरह के होम लोन में प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगती.

फ्लोटिंग रेट असल में वो ब्याज दर होती है, जो समय के साथ बदलती रहती है. आम तौर पर फ्लोटिंग रेट भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट से कनेक्टेड होता है. ऐसे में अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो होम लोन का ब्याज भी बढ़ता है और रेपो रेट घटने पर आपके लोन की ब्यात दर भी नीचे आती है.

वैसे लोन प्री-पेमेंट का मतलब सिर्फ ब्याज दर को कम करना नहीं है. ये आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी मजबूती देता है.