भोपाल । परिवहन विभाग ने एक अगस्त 2022 से यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) व पैनिक बटन (आपातकालीन बटन) को अनिवार्य किया है, लेकिन विभाग अब तक न तो डिवाइस लगाने वाली कंपनियां तय कर सका न ही कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण कार्य पूरा करा सका है। इस कारण एक अगस्त से यात्री वाहनों की निगरानी संभव नहीं है। यही वजह है कि विभाग अब आदेश में संशोधन कराने की तैयारी में है। परिवहन विभाग ने निर्भया फंड से भोपाल स्थित परिवहन विभाग के कैंप आफिस में 15 करोड़ 40 लाख की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार किया है। इस सेंटर से यात्री वाहनों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। 16 जून 2022 को परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कि 31 दिसंबर 2018 तक जितने भी यात्री वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, उनमें पैनिक बटन व वीएलटीडी को अनिवार्य किया जाए। बस व टैक्सी के लिए इस व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है। जुलाई के अंत तक इन उपकरणों को लगवाने के बाद कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी शुरू होनी थी।

विभाग ने जारी की थी एसओपी, 14 कंपनियों ने दिखाई है रुचि
परिवहन विभाग ने स्टैंडर्ड आफ प्रोसीजर (एसओपी) के अनुसार ये उपकरण के लिए एसओपी जारी की थी। एआइएस 140 अनुरूप दोनों उपकरण लगाए जाने हैं। विभाग ने एआइएस 140 माडल फीड किए हैं। इसके लिए 14 कंपनियों ने दोनों डिवाइस को लगाने के लिए आवेदन किए थे। इनमें से कंपनी तय होना है। इसके अलावा विभाग ने सात सदस्यीय कमेटी भी बना दी है। यह कमेटी वाहनों में लगे डिवाइस की जांच करने के बाद कंट्रोल कमांड सेंटर में डेटा फीड करेगी।

इसलिए लगाए जा रहे हैं उपकरण
 बस, टैक्सी, कैब में महिला सुरक्षा की दृष्टि के हिसाब से उपकरण लगाए जा रहे हैं। आकस्मिक स्थिति में कंट्रोल कमांड सेंटर को अलर्ट मिलेंगे। वाहन के रूट का अलर्ट मिलेगा। यदि वाहन निर्धारित रूट से अलग जाता है तो अलर्ट मिल जाएगा। जिस रूट का परमिट मिला है, वह उस पर ही दौड़ सकेगा। व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पावर केबिल हटाने पर कंट्रोल कमांड सेंटर में सूचना पहुंच जाएगी। वाहन का रिकार्ड आनलाइन संधारित किया जाएगा और यह तीन साल तक सुरक्षित रहेगा। वाहन मालिक अपनी गाड़ी का रियल टाइम लोकेशन ले सकेंगे। स्टाफ वाहन के साथ भी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे।

इनका कहना है
कंट्रोल कमांड सेंटर का कार्य पूरा नहीं हो सका है। पैनिक बटन व वीएलटीडी की अनिवार्यता को संसोधित करने पर विचार कर रहे हैं। अगस्त में डिवाइस लगाने वाली कंपनियां तय कर दी जाएंगी। सबसे पहले वाहन 4 पोर्टल को शुरू करेंगे।
संजय कुमार झा, आयुक्त, परिवहन विभाग