भोपाल   शुक्रवार को शहर में दिन भर रुक–रुककर बौछारें पड़ती रही। शनिवार को भी सुबह से ही बौछारें पड़ने का सिलसिला बना हुआ है। जुलाई की शुरुआत से लगातार वर्षा होने से राजधानी ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। शहर की पहाडि़यां हरी–भरी होकर मन मोहने लगी हैं। ऐसे में सावन की फुहारों से मौसम खासा खुशगवार हो गया है। जिसके चलते लोग शहर के पिकनिक स्पाट्स की तरफ बढ़ते कदम चाहकर भी नहीं रोक पा रहे हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से सुबह 11:30 बजे तक तीन घंटे में 30 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसे शहर का बड़ा तालाब छलक गया। जिसके चलते भदभदा के गेट भी खोलना पड़े।

उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक नौगांव में 69.8, पचमढ़ी में 65.4, मंडला में 65, नर्मदापुरम में 58.8, बैतूल में 37.5, दतिया में 36.8, सतना में 35.4, भोपाल 35.1, उमरिया में 32.8, रीवा में 18.2, रायसेन में 13, सागर में 10.8, ग्वालियर में नौ, दमोह में आठ, सिवनी में 7.6, खजुराहो में छह, नरसिंहपुर में पांच, मलाजखंड में 4.2, गुना में 4.1, जबलपुर में तीन, सीधी में 2.6, रतलाम में दो, इंदौर में एक, उज्जैन में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को शहर का न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। साथ ही यह शुक्रवार के न्यूनतम तापमान 28.9 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 2.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा था।

ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय

वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उत्तरी पाकिस्तान पर चक्रवात के रूप में बना पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश पर सक्रिय हो गया है। ओडिशा एवं उससे लगे छत्तीसगढ़ के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। मानसून ट्रफ गंगानगर, रोहतक, ग्वालियर, सीधी, अंबिकापुर, बालासोर से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। हरियाणा पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद रहने के कारण शनिवार को राजधानी में दिनभर रुक–रुककर वर्षा होने की संभावना है।

पांच साल बाद जुलाई में फिर खुले भदभदा के गेट

भोपाल में लगातार हो रही वर्षा ने जलाशयों को लबालब कर दिया है। यहां शनिवार दोपहर 12 बजे भदभदा डेम का एक गेट खोल दिया गया है। भदभदा के गेट जुलाई महीने में पांच साल बाद फिर से खोले गए हैं। इससे पहले 12 जुलाई 2016 को भदाभदा के गेट खोले गए थे। बता दें कि भदभदा डेम की क्षमता 1666.80 फीट है। इसमें कुल 11 गेट हैं। वहीं, फिलहाल इसका एक गेट खोला गया हैं। इससे पहले यहां पर नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए थे। बैरिकेड्स लगाकर लोगों के आने-जाने और वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी थी। यहां पर निगम की टीम के साथ-साथ गोताखोर और पुलिस बल भी तैनात है।

इन सालों में बनी जुलाई में बनी गेट खोलने की स्थिति

जुलाई के महीने में इससे पहले इन सालों में गेट खोलने की स्थिति बनी है। 12 जुलाई 2016 को, 23 जुलाई 2013 को, 2006,2003, 2002, 1999 और 1998 में भदभदा के गेट जुलाई में खोले गए थे। वहीं वर्ष 2006 में भारी वर्षा के चलते 13-14 अगस्त की रात को भदभदा डेम के गेट खुले थे, उस दौरान 23 बार गेट खोलने की स्थिति बनी थी।