भोपाल । मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के नौ हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस नहीं मिला है। इनका ईपीएफ भी नहीं काटा जा रहा है। इन्हें दोनों ओर से नुकसान हो रहा है। इस बात से ये नाराज हैं और काम बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं। यदि इन्होंने काम बंद किया तो आम उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढऩी तय है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली कंपनी का 75 प्रतिशत काम इन्हीं आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे हैं। कंपनी के पास नियमित कर्मचारी नहीं है, जिसके कारण ठेकेदारों की मदद से आउटसोर्स कर्मचारियों को रखा गया है। ये काम करते हैं, जिनका भुगतान ठेकेदारों की मदद से बिजली कंपनी करती है लेकिन पहले ठेकेदारों को ही इन्हें भुगतान करना होता है। आउटसोर्स बिजली अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक मनोज भार्गव ने आरोप लगाया कि भोपाल व ग्वालियर क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत आने वाले भोपाल, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर आदि जिलों में नौ हजार आउटसोर्स कर्मचारी काम करते हैं। बिजली कंपनी ने इस काम के लिए एक अप्रैल 2021 से अलग-अलग कंपनियों को ठेका आवंटित किया है। बिजली कंपनी और आउटसोर्स ठेका कपंनियों के बीच ठेका शर्तों में गड़बड़ी हुई है, जिसके कारण आउटसोर्स कर्मचारियों को ठेका कंपनियों भुगतान नहीं कर रही है। इस संबंध में बिजली कंपनी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती रही है। आगे भी कार्रवाई करेंगे।

जुर्माने का भी प्रविधान
समय पर बोनस का भुगतान नहीं करने वाले आउटसोर्स कंपनी के ठेकेदारों पर प्रतिदिन, प्रति कर्मचारियों के हिसाब से 100 रुपये और ईपीएफ का कटौत्रा नहीं करने पर प्रतिदिन प्रति कर्मचारियों के अनुसार 25 रुपये जुर्माना लगाने का प्रविधान है। आउटसोर्स बिजली अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक मनोज भार्गव का आरोप है कि प्रविधान होने के बावजूद मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी द्वारा संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है।