भोपाल । नर्मदा नदी खतरे के निशान से चार फीट ऊपर बह रही है। वहीं बेतवा का भी जलस्तर बढ़ रहा है। नर्मदापूरम के चार गांव में जल प्लावन की स्थिति है। ऐसा बरगी, बारना, तवा सहित अन्य बांधों के गेट खोले जाने के कारण हुआ है। पिछले दो दिनों से लगातार जारी वर्षा से सभी नदी-नाले उफान पर हैं। विदिशा जिले के 70 गांवों और भोपाल में इंडस कालोनी, शिवनगर को खाली कराया गया है।शासन ने विदिशा के लिए एयर फोर्स से दो हेलीकाप्टर मांगे हैं। वहीं जिन जिलों में बाढ़ के हालात बने हैं वहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा के साथ अतिवृष्टि की समीक्षा की है और नर्मदा, बेतवा बेसिन के जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।लगातार वर्षा के चलते भोपाल के केरवा बांध के सभी आठ, कलियासोत के सभी 13, बरगी के 21 में से 17, बारना के आठ में से छह, तवा के सभी 13, इंदिरा सागर के 20 में से 12, ओंकारेश्वर के 23 में से 18, सगड के 12 में से 10, राजघाट के 18 में से 16 गेट खोले गए हैं।इससे नर्मदा और बेतवा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह को बाढ़ के हालात की लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं। पिछले 24 घंटे में नर्मदा का जलस्तर 945 फीट से बढ़कर 964 फीट हो गया है। जिसके देर रात तक 967 फीट से ऊपर जाने की आशंका है। शासन ने स्थिति को देखते हुए विदिशा में तीन, ग्वालियर में दो, सीहोर-नर्मदापुरम और जबलपुर में एक-एक एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने पिछले 24 घंटे में बाढ़ में फंसे 407 लोगों को निकाला है। विदिशा जिले में 190, राजगढ़ में 103, अशोकनगर में 94, रायसेन में सात, जबलपुर में पांच, मंडला-गुना में तीन-तीन और सीधी जिले में दो लोगों को बाढ़ से निकाला गया है। वहीं सोमवार सुबह 11 बजे से रात नो बजे तक भोपाल में 167 मिमी, राजगढ़ में 168 मिमी, रायसेन में 157 मिमी और विदिशा में 149 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। नर्मदा में बाढ़ के हालात को देखते हुए शासन ने तवा और बारना बांध से पानी की निकासी को नियंत्रित किया है। तवा बांध से पहले 3800 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा था, जिसे दो हजार क्यूमेक्स तक लाया गया है। ऐसे ही बारना बांध से 8600 क्यूमेक्स से कम कर चार हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। जिन गांवों में पानी बढ़ रहा है, उन्हें खाली कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग से कहा गया है कि बाढ़ के हालातों को देखते हुए बांधों से पानी छोड़ें। राजस्थान में वर्षा से पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने पर नजर रखी जा रही है।