अहमदाबाद | राज्य विधानसभा चुनाव से पहले फिर एक बार गुजरात दंगे को लेकर राजनीति गरमा गई है| गुजरात एसआईटी द्वारा 2002 के दंगों के मामले में अहमद पटेल का नाम सामने आने के बाद उनकी बेटी मुमताज पटेल की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है| मुमताज पटेल ने कहा है कि आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के कारण मेरे पिता अहमद पटेल का नाम दंगों से जोड़ा जा रहा है|
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश के बाद गुजरात दंगों को लेकर जांच कर रही एसआईटी ने अपने हलफनामे में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड के खिलाफ बड़ा खुलास किया है| एसआईटी का दावा है कि तीस्ता ने गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए वर्ष 2002 में कांग्रेस से बड़ी धनराशि ली थी और यह रकम कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के सलाहकार अहमत पटेल के आदेश पर पहले रु. 5 लाख और दूसरी रु. 25 लाख दिए गए थे| गुजरात दंगों के मामले में जेल में बंद तीस्ता सेतलवाड की ओर से दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए एसआईटी ने यह दावा किया है| एसआईटी ने आरोप लगाया है कि तीस्ता सेतलवाड, पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने दिवंगत अहमद पटेल के इशारे पर गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी|
एसआईटी के इन आरोपों पर स्व. अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है| मुमताज पटेल ने कहा कि वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमद पटेल को मियां कहकर मेरे पिता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया गया था| वर्ष 2017 में अस्पताल में एक आतंकी का मुद्दा उछाला गया था| लेकिन चुनाव के बाद वह कहां गया इसका कोई खुलासा नहीं हुआ| अब वर्ष 2022 के गुजरात विधानसभा के चुनाव निकट आते ही फिर एक बार बेवजह मेरे पिता अहमद पटेल का नाम घसीटा जा रहा है और शायद आगामी 2027 के चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया जाएगा| उन्होंने कहा कि इस मामले के 20 वर्ष हो गए हैं| जब मेरे पिता अहमद पटेल जीवित थे, तब कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? केवल और केवल गुजरात विधानसभा के आगामी चुनाव के कारण मेरे पिता पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं| पिछले डेढ़ साल से मेरे पिता को बदनाम किया जा रहा है|
दूसरी ओर भाजपा के इन आरोपों का कांग्रेस ने सिरे खारिज कर दिया है| कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आरोप मेन्युफैक्चर्ड हैं| वर्ष 2002 में गुजरात में हुए नरसंहार के दौरान अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए प्रधानमंत्री की व्यवस्थि रणनीति का हिस्सा है| जबकि नरसंहार को नियंत्रण करने की अनिच्छा और अक्षमता के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को राजधर्म की याद दिलाई थी| जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध अब दिवंगत लोगों को भी नहीं बख्श रहा| एसआईटी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर नाच रही है और उसके मुताबिक ही काम कर रही है| हम अच्छी तरह जानते हैं कि पूर्व एसआईटी के प्रमुख को किस प्रकार मुख्यमंत्री को क्लीन चिट देने पर पुरस्कृत किया गया था|
गौरतलब है एसआईटी के खुलासे के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर कड़े प्रहार किए हैं| भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पत्रकार परिषद में कहा कि हलफनामा से पूरी साजिश रचने वालों के नाम सामने आ गए हैं| संबित पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता सेतलवाड और अन्य लोगों ने मिलकर तत्कालीन गुजरात सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रचा था| उन्होंने कहा कि अहमद पटेल केवल नाम है, वास्तव में इस षडयंत्र के मुख्य सूत्रधार उनके बोस सोनिया गांधी थीं| सोनिया गांधी ने अपने राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के साथ मिलकर गुजरात की छवि खराब करने का प्रयास किया था| संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी ने तीस्ता सेतलवाड को 30 लाख रुपए दिए थे और यह रुपए अहमद पटेल ने पहुंचाए थे| जिसके बाद सोनिया गांधी ने नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने और बदनाम करने के लिए भी करोड़ों रुपए दिए होंगे|