भोपाल । इस बार देश में पिछली बार से अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग ने इस बार जून से सितंबर तक देश में 103 प्रतिशत बारिश की उम्मीद जताई है। अब हम आपको मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार बताते हैं कि मध्यप्रदेश में मानसून कैसा रहेगा। इस बार मानसून सीजन में भोपाल में सिर्फ जुलाई और अगस्त में ही ज्यादा बारिश होने की संभावना है। जून और सितंबर में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। उज्जैन और इंदौर संभाग में भी ज्यादा नहीं, बल्कि सामान्य बारिश ही होने का अनुमान है।
मध्यप्रदेश में जून में औसतन 4.75 इंच बारिश होती है। 2021 में 7 और 2020 में 8 इंच बारिश हुई थी। इन दो साल के मुकाबले इस साल कम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की मानें तो मानसून की पहली बारिश जबलपुर, सागर और आलीराजपुर से शुरू होगी। जून में सबसे ज्यादा पानी ग्वालियर-चंबल में ही गिर सकता है। प्रदेश के चंबल, शहडोल और नर्मदापुरम संभाग में 103 प्रतिशत, भोपाल, सागर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर संभाग में जुलाई-अगस्त में 120 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है।
मध्यप्रदेश में 20 जून को मानसून सेट होता है। इस बार यह 15 जून से लेकर 20 जून तक सेट हो सकता है। अभी तक की जानकारी के अनुसार मौसम विभाग इसके एक-दो दिन पहले सेट होने की संभावना जता रहा है। पिछले साल मध्यप्रदेश में मानसून 13 जून को आ गया था। यह समय से करीब एक सप्ताह पहले था। ऐसे में जून की शुरुआत में प्री-मानसून एक्टिव हो गया था।
मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में अनूपपुर, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़ और उमरिया जिले आते हैं। इन जिलों में मानसून पश्चिम बंगाल से एंट्री करता है। यहां बंगाल से आने वाली हवाओं का असर होता है और इसी से बारिश होती है।
पश्चिमी मध्यप्रदेश के आलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन और विदिशा जिले आते हैं। इन जिलों में अरब सागर से मानसून प्रवेश करता है। यहां अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाओं का असर रहता है। इसी से बारिश होती है।