नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा किदिल्ली में भाजपा आम आदमी पार्टी के 35 विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये ऑफर कर रही है। उनके पास 700 करोड़ रुपए कैश कहां से आया।? शिवसेना के सिंबल पर जीतने वाले भाजपा विधायक जब आज वो महाराष्ट्र असेंबली में पहुंचे तो वहां पर नारे लगे 50 खोखा- 50 खोखा। दिल्ली में 35 विधायकों के 20-20 करोड़ के हिसाब से 700 करोड़ और महाराष्ट्र के 1850 करोड़ मिलाकर 2550 करोड़ कैश होता है। भाजपा से देश जानना चाहता है कि उनके पास हर राज्य में विधायकों को खरीदने के लिए इतना सारा करोड़ों रुपये का काला धन कहां से आया? भाजपा के दफ्तरों में जहां यह कैश रखा जाता होगा, वह सीबीआई और ईडी के रडार पर कब आएंगे? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ऑपरेशन लोटस एक तय रणनीति है। इसके तहत विपक्ष के विधायकों को डरा धमकाकर, खरीदकर सरकारों को गिराया जाता है। भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता भी कह रहे हैं कि अब अरविंद केजरीवाल की सरकार गिरने वाली है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों का भाजपा को जवाब है कि बंद करो देश से धोखा, नहीं चलेगा 20 खोखा।‌
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज हमने दिल्ली के चार चुने हुए विधायक जनता के सामने पेश किए। उसमें कुछ विधायक साथी तो 3-3 बार चुने हुए विधायक है। संजीव झा, सोमनाथ भारती, तीसरी बार उनकी क्षेत्र की जनता ने चुनकर उन्हें भेजा है। उन्होंने आपके सामने खुलासा किया कि किस तरीके से 20-20 करोड़ रुपये का लालच देकर, हमारे विधायकों को खरीदकर, अरविंद केजरीवाल की सरकार को गिराया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता बहुत आश्वसत और बहुत कॉन्फिडेंट हैं। अगर उनके लोकल नेताओं से भी बात करो तो उनके पास भी यह मैसेज है कि अब अरविंद केजरीवाल की सरकार गिरने वाली है। भारतीय जनता पार्टी के लोग कह रहे हैं कि अब कुछ दिनों की सरकार बची है, आपकी सरकार गिरने वाली है।  आप कोई भी साथी गूगल सर्च करके देखिए और उसमें देखिए आपरेशन लोटस क्या है? आपको पता चल जाएगा कि यह भारतीय जनता पार्टी की एक तय रणनीति है, जिसके तहत विपक्ष के विधायकों को  डराकर-धमका कर और खरीदकर सरकारों को गिराया जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक जो शिवसेना द्वारा चुने गए थे और जब आज वो महाराष्ट्र असेंबली में पहुंचे, तो वहां पर नारे लग रहे थे 50 खोखा, 50 खोखा। ये आज भाजपा की प्रजातंत्र को देन है। आजादी के 75 साल बाद भाजपा का 50 खोखा कॉन्ट्रिब्यूशन है। मैं भाजपा को कहूंगा, बंद करो देश से धोखा, नहीं चलेगा 20 खोखा। ये भाजपा को हमारे चुने हुए विधायकों का जवाब है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक बहुत सीरियस प्रश्न मैं अपने पत्रकार मित्रों के सामने आज रखना चाहता हूं और चाहता हूं कि इस देश की चिंता करने वाले इस बात को जरूर सोचे और विचार करें। आम आदमी पार्टी के विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये ऑफर किए हैं और कहा जा रहा कि 35 विधायक हमारे संपर्क में हैं जिन्हें खरीदेंगे। इस हिसाब से 700 करोड़ रुपये भाजपा के पास कैश में मौजूद है। सोचिए 700 करोड़ रूपया कितना होता होगा? मुझे नहीं लगता कि एक कोठी में भी आप 2-2 हजार रुपये के नोट भरोगे, तो 700 करोड़ रुपये उसमें आ जाएंगे। अगर महाराष्ट्र की बात करें, वहां पर जितने विधायक भाजपा की तरफ गए हैं और जिस तरह से 50 खोखा की आवाज भाजपा के लिए लगाई जा रही है तो महाराष्ट्र के 1850 करोड़ रुपये बनते हैं। कर्नाटक के अगर 17 विधायक जोड़े तो सोचिए गितनी कहां तक जाएगी।
उन्होंने कहा मुझे लगता है कि भाजपा से देश जानना चाहता है कि उनके हर राज्यों में विधायकों को खरीदने के लिए इतना सारा करोड़ों रुपया, ये काला धन कहां से आया? भाजपा ने कहां से कमाया? ये कहां रखते हैं, जो सीबीआई, ईडी किसी को नहीं पता। कांग्रेस के विधायकों को भाजपा ने करोड़ों रुपये दिए वो रास्ते में गाड़ी में पकड़े गए। करोड़ों रुपये के साथ पकड़े गए। तब अखबारों और टीवी में चर्चा चल रही थी कि झारखंड की सरकार गिराने की कोशिश में भाजपा ने आपरेशन लोटस लॉन्च किया है। विधायकों की गाड़ी में करोड़ों रुपया भरा हुआ मिल गया। ईडी, सीबीआई जांच ही नहीं करना चाहती कि ये पैसा कहां से आया?  क्योंकि उसकी मनी ट्रेन भाजपा के हेडक्वार्टर में जाकर रूकेगी। ये सब जानते हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज मैं देशवासियों के आगे इस सवाल को रखना चाहता हूं और इस पर विचार कीजिएगा, कि जो हजारों कोरोड़ों कैश विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा खर्च कर रही है, ये कौन सी ईमानदारी की चक्की से निकाला गया है? कहां पर इतना कैश रखा जाता है? भाजपा के दफ्तरों में जहां ये कैश रखा जाता होगा या इनके गोदामों में जहां ये कैश रखा जाता होगा, वो सीबीआई औऱ ईडी के रडार पर कब आएंगे?