अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 8.2 से 7.4 फीसद कर दिया है।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले बाहरी प्रभाव और मौद्रिक नीति की सख्ती के चलते भारत की विकास दर उम्मीद से कमतर रहने का अनुमान है।अपने नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में आइएमएफ ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के चलते सरकारों की प्राथमिकता उस पर काबू पाने की है। नीति निर्माताओं ने मौद्रिक नीति को और सख्त करके मुद्रास्फीति पर काबू पाने को प्राथमिकता दी है।आइएमएफ ने वैश्विक विकास अनुमान में भी कटौती की और चेतावनी दी कि दुनिया जल्द ही मंदी के कगार पर हो सकती है।आइएमएफ ने कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास इस साल 3.2 फीसदी तक धीमा होने की संभावना है। यह अप्रैल में आइएमएफ द्वारा लगाए गए 3.6 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है। आइएमएफ ने अपने विश्व आर्थिक आउटलुक में कहा कि 2021 में हालात में आंशिक सुधार के बाद 2022 विकास दर में गिरावट आई है।