नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पर दिए आपत्तिजनक बयान के चलते कांग्रेस को बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ा। भाजपा ने लोकसभा और मीडिया में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। साथ ही अधीर रंजन चौधरी से माफी की मांग की। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच इस मुद्दे पर जमकर नोंकझोंक हुई।
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ा तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह चूंकि हिंदी भाषी नहीं हैं, इसलिए उनके मुंह से गलती से राष्ट्रपति की जगह राष्ट्रपत्नी शब्द निकल गया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे को उछाल कर लोगों का महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। अधीर रंजन चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि इस मुद्दे पर हंगामा कर भाजपा ने खुद को एक ऐसी पार्टी के रूप में साबित कर दिया है, जो तिल का पहाड़ बना सकती है।
उन्होंने बताया कि हम सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ का विरोध कर रहे थे। इस दौरान विजय चौक पर पुलिस ने हमें रोक दिया तो हम वहीं प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि आगे क्या करेंगे, तो हमने कहा कि राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इस बीच जुबान फिसलने के चलते राष्ट्रपति की जगह राष्ट्रपत्नी निकल गया। हालांकि इससे पहले मैं दो बार राष्ट्रपति कहकर संबोधित कर चुका था। यह जुबान फिसलने का मामला है। मैं एक बंगाली भाषी व्यक्ति हूं, हिंदी में पर्याप्त कुशल नहीं हूं। मैं हिंदी में बोलने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मुझे इसका पूरा ज्ञान नहीं है। मेरा कोई बुरा इरादा नहीं था। राष्ट्रपति पद के लिए मेरे मन में सर्वोच्च सम्मान है। महिलाओं के लिए मेरे मन में यथोचित सम्मान है। मैं अपने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान कैसे कर सकता हूं, चाहे कोई भी हो?
अधीर रंजन चौधरीने इंटरव्यू में बताया कि भाजपा सदस्य यह कहते रहे कि मैडम मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं और मैंने एक आदिवासी का अपमान किया है। याद रखें, सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने वन का अधिकार अधिनियम बनाया था। भारत की आदिवासी आबादी का अगर किसी ने खास ख्याल रखा तो वह यूपीए ही थी। जब स्मृति ईरानी ने मेरा नाम लेकर मुझ पर हमला किया तो मैं उठा और जवाब देने का अधिकार मांगा। मुझे अवसर से वंचित कर दिया गया और सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा बाद में, मैं अध्यक्ष के पास गया, उनसे विनती की कि मुझे मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने की अनुमति दी जाए। सोनिया गांधी भी स्पीकर के पास गईं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर बिरला से कहा कि अधीर को जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए। यह मेरे संसदीय करियर का एक यादगार दिन है। आज मुझे लगा कि मैं अनाथ नहीं हूं। सोनिया गांधी मेरे अभिभावक के रूप में मौजूद हैं।