धर्म ग्रंथों में देवी उपासना के लिए कई व्रत-त्योहारों के बारे में बताया गया है। इनमें से नवरात्रि बहुत ही खास मानी गई है। साल में 1 नहीं 4 नवरात्रि (Navratri 2022) मनाई जाती है।

लेकिन अधिकांश लोग सिर्फ 2 प्रकट नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं जो चैत्र और आश्विन मास में आती है। इनके अलावा 2 अन्य नवरात्रि भी होती है, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इनका भी विशेष महत्व है। आगे जानिए साल में कब-कब कौन-सी नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.

साल की शुरूआत में चैत्र नवरात्रि
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है। इसी दिन से साल की प्रथम नवरात्रि का भी आरंभ होता है। चैत्र मास में होने के कारण इसे चैत्र नवरात्रि या चैती नवरात्रि कहा जाता है। ये प्रकट नवरात्रि होती है। इन 9 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों में देवी की पूजा सात्विक रूप से की जाती है।

आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि
सालकी दूसरी नवरात्रि आषाढ़ मास में आती है। ये नवरात्रि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इस नवरात्रि के 10 महाविद्याओं की पूजा जाती है। इन 9 दिनों में तंत्र साधना कर देवी को प्रसन्न किया जाता है और देवी के संहारक रूपों जैसे महाकाली, चण्डी आदि की पूजा करने का विधान है।

तीसरी नवरात्रि है शारदीय
साल की तीसरी नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। इस दौरान शरद ऋतु होती है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। इस नवरात्रि में गरबा आदि से माध्यम से देवी की उपासना की जाती है। ये भी प्रकट नवरात्रि होती है। इस दौरान भी सात्विक तरीके से देवी की पूजा करने का विधान है। ये सबसे अधिक लोकप्रिय है।

अंतिम नवरात्रि माघ मास में
साल की चौथी और अंतिम नवरात्रि माघ मास में आती है। ये माघ मास के शुक्ल पक्ष से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। ये भी गुप्त नवरात्रि होती है। गुप्त नवरात्रि विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इस नवरात्रि में विशेष साधना करते हैं तथा चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।