भोपाल । दिसंबर और जनवरी के महीने ठंड के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार दिसंबर की शुरुआत में ठंड गायब नजर आ रही है। रात का तापमान सामान्य से ज्यादा बना हुआ है और घटने के बजाय बढ़ रहा है। जिस ठंड का अहसास आमतौर पर अक्टूबर में होता है, वह इस बार दिसंबर में हो रहा है। फेंगल तूफान की वजह से आसमान में बादल छाए हुए हैं। सुबह के समय बादल और ठंडी हवाओं के कारण हल्की ठंड का एहसास होता है, लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता है, गर्मी महसूस होने लगती है। तापमान के आंकड़े इस बदलाव की गवाही देते हैं। मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल ठंडी हवाएं बीच-बीच में ठंड का एहसास कराएंगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही संभव होगी। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इस कारण हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। वहां से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण दिसंबर के तीसरे सप्ताह से ठंड में इजाफा हो सकता है।

अक्टूबर और नवंबर भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहे
इस बार अक्टूबर और नवंबर भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहे, और अब दिसंबर की शुरुआत भी गर्म बनी हुई है। यह पिछले 10 वर्षों में चौथी बार हुआ है कि दिसंबर की शुरुआत इतने ज्यादा न्यूनतम तापमान के साथ हुई हो। फेंगल तूफान के प्रभाव और पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में यह असामान्यता देखी जा रही है। बादलों के चलते रात का तापमान बढ़ा हुआ है, क्योंकि गर्मी वातावरण में ऊपर नहीं जा पा रही है। दिन में तेज धूप और उमस से गर्मी का एहसास हो रहा है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले तीन दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में हिमालय से आने वाली सर्द हवाओं के चलते ठंड बढऩे की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों से ठंड के मौसम में इस प्रकार के बदलाव जलवायु परिवर्तन की ओर भी इशारा करते हैं। इसका असर न केवल मौसम के पैटर्न पर पड़ रहा है, बल्कि यह मानव जीवन और पर्यावरण के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में बदलते मौसम के अनुसार तैयार रहना जरूरी है।