भोपाल । राजधानी के कलियासोत डैम किनारे मगरमच्छ और घडिय़ालों के हमले का खतरा बढ़ गया है। गेट बंद होते ही लोग मछली पकडऩे और पार्टी करने पहुंच रहे हैं। रात में दो मगरमच्छ गेट नंबर-13 के पास देखे गए। कुछ दूर पर ही लोग मछली पकड़ रहे थे। इनमें बच्चों से लेकर महिलाएं भी शामिल थीं। मगरमच्छ होने की खबर मिलते ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और लोगों को खदेड़ा। डैम में 21 से ज्यादा मगरमच्छ है। दो साल के भीतर उनके हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। बारिश थमने के बाद कलियासोत डैम के गेट बंद हो गए हैं। डैम किनारों पर दिन-रात लोग मछली पकड़ते हुए देखे जा सकते हैं। इसके अलावा पार्टी भी कर रहे हैं। जरा सी चूक होने पर मगरमच्छ और घडिय़ाल हमला कर सकते हैं। बावजूद लोग नहीं मानते। इसी बीच किनारों पर घडिय़ाल देखने जाने से चिंता बढ़ गई है। कोलार फायर ऑफिसर पंकज खरे ने बताया, डैम किनारे लगातार सर्चिंग कर रहे हैं और लोगों को समझा रहे कि वे पानी में न उतरे। वन विभाग के एसडीओ आरएस भदौरिया ने बताया, डैम में मगरमच्छ और घडिय़ाल दोनों है। लोगों को किनारों से दूर रहने की समझाईश दी जा रही है।

गेट नंबर-13 के पास सबसे ज्यादा भीड़
फायर ऑफिसर खरे ने बताया, डैम के गेट बंद होने के बाद बड़ी संख्या में लोग मछली पकडऩे पहुंच गए। इसी दौरान गेट नंबर-13 पर मगरमच्छ दिखाई दिए। तुरंत मौके पर पहुंचे और लोगों को हटाया। बता दें कि गेट बंद होने के बाद बड़ी संख्या में मछलियां तैरती हुई मिलती हैं। इसलिए लोग मछली पकडऩे के लिए पानी में उतर जाते हैं। कलियासोत डैम में मगरमच्छ-घडिय़ाल के हमलों के कई मामले सामने आ चुके हैं। जून-2020 में डैम के गेट नंबर 13 के पास मछली पकड़ रहे एक युवक को मगरमच्छ खींचकर पानी में ले गया था। बाद में उसका शव मिला था। इसके कुछ दिन पहले भी एक अन्य युवक पर हमला हुआ था। कई बार मगरमच्छ सड़कों पर भी आ चुके हैं। इसी साल फरवरी में वन विभाग ने मगरमच्छ और घडिय़ाल की संख्या को लेकर सर्वे कराया था। सर्वे में कलियासोत डैम में 21 और केरवा डैम में 1 मगरमच्छ मिला था। इनमें 9 वयस्क थे। मगरमच्छों की लंबाई 3 से 9 फीट है। इसके बाद नाइट सर्वे हुआ। जिसमें इनकी संख्या बढ़ गई थी, क्योंकि जून-जुलाई में प्रजनन के समय मादा मगरमच्छ-घडिय़ाल ने अंडे भी दिए थे। अब फिर सर्वे होगा और उसमें संख्या की तस्वीर साफ होगी।