नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबिता पात्रा ने कहा, 'गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार प्रधानमंत्री पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने अपनी तिजोरी से तीस्ता सीतलवाड़ को दिए पैसे दिए। गुजरात दंगों को लेकर भाजपा ने फर्जी दस्तावेज और शपथ पत्र बनाकर सनसनी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ पर एसआईटी ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। संबिता पात्रा ने कहा, 'गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने षड्यन्त्र के तहत की थी, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है।' संबित पात्रा ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा था कि कुछ लोग षड्यन्त्र के तहत इस विषय को जीवित रखने का प्रयत्न कर रहे थे और गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे थे और अब इन लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसे।' उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में गठित एसआईटी ने एफिडेविट कोर्ट के सामने रखा है। ये एफिडेविट कहता है कि तिस्ता सीतलवाड़ और उसके सहयोगी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे। ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे। इनके 2 आब्जेक्टिव थे।
संबित पात्रा ने कहा कि आज एफिडेविट में ये सामने आया है कि षड्यंत्र के रचयिता सोनिया गांधी के पूर्व मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल थे। अहमद पटेल तो सिर्फ नाम है, इस सबके पीछे मुख्य रूप से सोनिया गांधी का नाम है। सोनिया गांधी ने गुजरात की छवि खराब करने और पीएम मोदी को अपमानित करने का षड्यंत्र रचा। पात्रा ने कहा, 'मीडिया में आए एफिडेविट के अनुसार इस काम के लिए पैसे दिए गए। पहले किस्त के रूप में 30 लाख रुपये सोनिया गांधी ने तिस्ता सीतलवाड़ को दिए। अहमद पटेल हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल वो डिलीवरी की थी। ये 30 लाख उस जमाने में मात्र पहली किस्त के रूप में दिए गए थे। इसके बाद न जाने कितने करोड़ों रुपये सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए दिए।
संबित पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी ने केवल राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए तिस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों के जरिए पीएम मोदी को परेशान करने की योजना थी। एसआइटी के हलफनामे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को कथित तौर पर फंसाने और उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से 30 लाख रुपये स्वीकार किए थे। एसआइटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।