रांची   झारखंड के सियासत के लिए शुक्रवार का दिन निर्णायक साबित हो सकता है। विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के खतरे का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस समेत अन्य सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है। बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने योजना है कि यदि हेमंत सोरेने का इस्तीफा देना पड़ता है तो उनके स्थान पर उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। सियासी संकट में कांग्रेस पूरी तरह से झामुमो के साथ खड़ी है। झारखंड के मंत्री और कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने रांची में कहा, ऑल इज वेल। हमारी सरकार बहुमत में है। हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जो कहेंगी हम उसका पालन करेंगे। वहीं हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया जा रहा है। भाजपा का कहना है कि अब प्रदेश में नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए। यह पूरा मामला खदान आवंटन का है, जिसमें कहा जा रहा है कि खुद को खदान आवंटित करने को अवैध ठहराने के चुनाव आयोग के निर्णय के बाद इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लांड्रिग रोकथाम कानून के तहत कार्रवाई का रास्ता भी साफ हो सकता है।

झामुमो बन गया शिवालय का घंटा, जो आता है बजा देता है, हेमंत सोरेन बने रहेंगे मुख्यमंत्री

इससे पहले सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दावा किया है कि हेमंत सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। पार्टी मुख्यालय में राजमहल के सांसद विजय हांसदा और झामुमो की केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन का विकल्प सिर्फ हेमंत सोरेन हैं। लगातार लग रहे कयास, चौतरफा दावे की खिल्ली उड़ाते हुए झामुमो नेताओं ने तंज कसा कि झामुमो शिवालय हो गया है। जो आता है, घंटा बजाकर चला जाता है। उन्हें समझना चाहिए कि झामुमो संघर्षों की उपज है। पार्टी बहुत मजबूती के साथ हेमंत सोरेन संग खड़ी है। इसे कोई डिगा नहीं सकता। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और बने रहेंगे। झामुमो नेताओं ने भाजपा और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा है। कहा कि सीलबंद लिफाफा भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को भेजा है। उस लिफाफे का कंटेंट भाजपा के नेताओं के पास कहां से आया? इसपर निर्वाचन आयोग भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराए। जो भी निर्णय आएगा, उसके लिए पार्टी पूरी तरह तैयार है।