कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता और प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार पर केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाले फंड की बंदरबांट करने और हेराफेरी का आरोप लगाया है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, ‘केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार की हर योजना के लिए आवंटित पैसों की बंदरबांट और उनकी हेराफेरी पश्चिम बंगाल सरकार का ट्रेडमार्क बन गया है। मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हो रहे इस बड़े घोटाले की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराया है।’
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्य के लिए मिलने वाले फंड को अवैध तरीके से ऐंठने के लिए प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात अम्फान और यास, स्वास्थ्य आपदा जैसे कि कोविड महामारी को भी भुनाया है। बीजेपी नेता ने कहा कि वर्तमान पश्चिम बंगाल सरकार ने मनरेगा को भी मनी माइनिंग मशीनरी में बदल दिया है। धन की हेराफेरी करने के लिए एक नया मार्ग बनाया गया है, पौधों का रोपण। मैंग्रोव पौधे हों या फलदार पौधे, इनके रोपण के नाम पर केंद्रीय योजनाओं के फंड से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है। निरीक्षण के समय अधिकारी दावा करते हैं कि लापता पौधे आंधी में उड़ गए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में जान बूझकर केंद्रीय योजनाओं के मूल नाम बदल दिए हैं। राज्य की तृणमूल सरकार केंद्रीय योजनाओं के लिए अपने नाम का इस्तेमाल कर रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को ग्रामीण सड़क योजना के रूप में फिर से रंगा जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दे दिया गया है। कोविड महामारी से संबंधित उपकरणों की खरीददारी में लगभग 2000 करोड़ रुपये के घोटाले हुए हैं। इनकी न्यायोचित जांच होनी चाहिए।
अधिकारी ने पीएम को लिखा है, ‘पश्चिम बंगाल में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं, विशेष रूप से मनरेगा, प्रधान मंत्री आवास योजना और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना आदि में प्रतिदिन असंख्य कदाचार की घटनाओं का खुलासा हो रहा है।लोक कल्याण की इन योजनाओं के माध्यम से भ्रष्ट गतिविधियों और धन की हेराफेरी की जा रही है। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि मनरेगा के तहत निष्पादित कार्यों का क्रियान्वित किए बिना फर्जी भुगतान को न्यायोचित ठहराने के लिए झूठे उपयोग प्रमाण पत्र भेजे गए थे। करोड़ों रुपये ठगने के लिए मनरेगा के फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है।’