भोपाल ।  प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से फसल, मकान, सड़क, पुल, पुलिया आदि को पहुंचे नुकसान का आकलन करके केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता मांगी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सभी विभागों को सर्वे कराकर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि पशु हानि के लिए पशुपालकों को सहायता राशि दिलवाई जाए। मंत्रालय में अतिवर्षा और बाढ़ से उत्पन्न् परिस्थितियों, राहत एवं बचाव कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जो नागरिक अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, उन्हें आवश्यक सहायता पहुंचाने का काम जारी रखें। प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल और बिजली आपूर्ति की स्थिति सामान्य बनाने का काम तेजी के साथ करवाएं। मकानों की क्षति पर प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधान अनुसार सहायता उपलब्ध कराई जाए। फसलों को पहुंचाने नुकसान का सर्वे संवेदनश्ाीलता और पारदर्शिता के साथ कराकर प्रतिवेदन सौंपे।

इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विदिशा में हलाली बांध के जल भराव क्षेत्र में अत्याधिक पानी होने से वाटर फिल्टर प्लांट डूब गया। इससे अब तक सामान्य जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव से फोन पर बात करके शहर में पेयजल आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए। उधर, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव ने बताया कि चंबल क्षेत्र में श्योपुर को छोड़कर बाकी संभाग में कहीं भी पेयजल आपूर्ति में समस्या नहीं है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रभावित जिलों में कहीं भी किसी बीमारी के फैलने की सूचना नहीं है। अपर मुख्य सचिव पशुपालन जेएन कंसोटिया ने जानकारी दी कि प्रदेश में 148 शिविर लगाकर 15 हजार से अधिक पशुओं का उपचार किया गया है। प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने बताया कि कुछ स्थानों पर पशु हानि की सूचनाएं मिली हैं। अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित फसलों की जानकारी भी एकत्रित की जा रही है। क्षति का विस्तृत आकलन करने के बाद केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई ने बताया कि सड़क, पुल-पुलिया को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। सुखतवा पुल से पानी उतर गया है। बैतूल मार्ग प्रारंभ हो चुका है।