लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच की खाई दिन प्रति दिन और गहरी होती जा रही है। अखिलेश यादव द्वारा शिवपाल सिंह यादव को तवज्जो नहीं दिए जाने के बाद अब शिवपाल उन पर हमला बोलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने अखिलेश की राजनीति को अपरिपक्व तक बता दिया। शिवपाल सिंह यादव ने यह भी कहा कि परिपक्वता की कमी से लोग सपा से दूर जा रहे हैं। पार्टी कमजोर हो रही है।
राष्ट्रपति के लिए विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के साथ बैठक में नहीं बुलाने से नाराज शिवपाल ने बिना अखिलेश का बिना नाम लिये कहा कि राजनीतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब हो रहा है। इससे पार्टी कमजोर हो रही है। लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने से पहले मैंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। विधायक भी समाजवादी पार्टी का हूं। इसके बाद भी समाजवादी पार्टी की किसी मीटिंग में मुझ नहीं बुलाया जाता है। मेरे किसी सुझाव का पार्टी में कोई मतलब ही नहीं है। उन्होंने फिर दोहराया कि अगर मेरा सुझाव चुनाव से पहले माना जाता तो आज स्थिति कुछ और होती। शिवपाल ने कहा कि 100 प्रत्याशियों की एक लिस्ट दी गई थी। अगर उन्हें टिकट दिया जाता तो आज स्थिति अलग होती।
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के साथ हुए व्यवहार को भी शिवपाल ने अखिलेश यादव की अपरिपक्वता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि जब राजनीति में परिपक्वता की कमी होती है तो सहयोगी इस तरह के निर्णय लेते हैं। सहयोगियों से बात नहीं करने से लोग छोड़ते चले जाते हैं। इससे पार्टी कमजोर होती जाती है। विदित हो कि यशवंत सिन्हा के साथ हुई बैठक में ओपी राजभर को भी नहीं बुलाया गया था। इसे लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी। कल द्रौपदी मुर्मू के रात्रि भोज में शिवपाल के अलावा ओपी राजभर भी पहुंचे थे। ऐसे में यह तय है कि राजभर की सुभासपा भी अब विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी।