भोपाल । नगरीय निकाय चुनाव के लिए 17 जुलाई को होने वाली मतगणना में रियल टाइम अपडेट व व्यवस्थित मतगणना के लिए प्रशासन के अफसर मंथन कर रहे हैं। एनआईसी की इसमें मदद ली जा रही है, जिससे रियल टाइम डाटा को साफ्टवेयर के माध्यम से तैयार कराया जा सके। मतगणना में समय भी लग सकता है, इसको लेकर अफसर खास तौर पर चिंतित हैं, इसी कारण इस बार हर टेबल पर अतिरिक्त स्टाफ लगाया जा सकता है जो सिर्फ डाटा कलेक्शन का काम करेगा। एनआइसी के अलावा दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। अफसरों के अनुसार मतगणना में लगने वाले औसत समय पर ही मतगणना पूरी कर ली जाएगी। वहीं स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों ने अपडेट ली।
निकाय चुनाव को लेकर पहले चरण के तहत ग्वालियर में छह जुलाई को मतदान हो चुका है। मतगणना अब 17 जुलाई को है जिसके लिए पूरी तैयारियां की जा रही हैं। पुरानी जेल स्थित स्ट्रांग रूम में मतदान के बाद इवीएम को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
मतगणना में हर राउंड में करीब आधा घंटा का समय लग जाता है लेकिन री-काउंटिंग की मांग पर दोबारा मतगणना स्वीकृति के बाद होती है जिसमें समय लग जाता है। इसके अलावा राउंड पूरे होने के दौरान जो शीट तैयार की जाती है वह गणना सहायक,एआरओ से लेकर आरओ तक पहुंचती है इसके बाद शीट पर हस्ताक्षर होते हैं और तब वह अपलोड की जाती है। इस प्रक्रिया में समय लग जाता है। मतगणना के राउंड की जानकारी रियल टाइम में सामने आए इसके लिए एनआइसी तक सीधे जानकारी पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है। मतगणना टेबलों पर जो अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाएगा वह यह डाटा देगा। इनका काम सिर्फ एनआइसी को डाटा देना होगा। इस डाटा को भी परखा जाएगा और अधिकृत होने की जांच के बाद ही सामने लाया जाएगा।
नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना के दौरान मोबाइल फोन प्रतिबंधित रहेगा। वहीं निर्वाचन पर्यवेक्षण हेतु आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक उक्त प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे, ताकि वे आयोग से सतत संपर्क में बने रहें। यह निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने दिए हैं। बता दें कि प्रथम चरण में भोपाल नगर निगम के चुनाव हो चुके हैं। वहीं इवीएम मशीनों को पुरानी जेल के स्ट्रांग रूम में रखा गया है। यहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। नगर निगम पार्षद पद के 85 के लिए 398 प्रत्याशी और महापौर पद के लिए आठ महिला प्रत्याशी मैदान में थे। इनकी जीत और हार का फैसला मतगणना के साथ 20 जुलाई के साथ हो जाएगा। अविनाश लवानिया ने बताया कि मतगणना भवन तथा परिसर में मोबाइल फोन का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। नगरीय निकायों के आम निर्वाचनों की मतगणना के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग मतगणना कार्य में बाधक होता है तथा मतगणना कार्य की गोपनीयता भंग होने की संभावना बनी रहती है। चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थी तथा उसके निर्वाचन अभिकर्ता के मोबाइल की मतगणना स्थल पर प्रवेश के दौरान जांच की जाएगी। कलेक्टर ने कहा है कि यदि कोई अभ्यर्थी या उसका निर्वाचन अभिकर्ता अथवा गणना अभिकर्ता मतगणना स्थल पर मोबाइल लाता है, तो उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में सभी अभ्यर्थियों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को पूर्व से अवगत भी करा दिया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं मतगणना कार्य से सम्बद्ध अधिकारियों द्वारा आयोग से संपर्क हेतु मतगणना स्थल के समीप ही एक कक्ष में दूरभाष स्थापित किए जाने की व्यवस्था रहेगी, जिसका उपयोग आयोग से संपर्क हेतु किया जाएगा।