भोपाल    मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल भोपाल ने प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेज की शैक्षणिक सत्र 2021-22 की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। इसमें बालाघाट समेत कई जिलों के कॉलेज शामिल हैं। प्रदेश में सालों से चल रहें पुराने नर्सिंग कालेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई। जिसके बाद हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य खतरे में आ गया हैं। नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी सख्ती बरतते हुए अयोग्य रजिस्ट्रार सुनिता शिजू को निलंबित करने के निर्देश दिए। और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल का डॉ योगेश शर्मा को व्ववस्था नियुक्त कर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए। तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनिता शिजू ने मध्यप्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी जिसमें कई बड़े ग्रुप शामिल हैं। दरअसल वर्ष 2020-21 में मान्यता प्राप्त इन नर्सिंग कॉलेज को अकादमी भवन, छात्रावास, लैब, उपकरण, संबंध अस्पताल के आवश्यक दस्तावेज और वर्तमान समय के फोटो 10 मई 2022 तक उपलब्ध कराने कहा गया था। हालांकि इन कॉलेज ने चाहे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए है। वहीं जिसके कारण उनकी शैक्षणिक सत्र 2021-22 की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई है। विभाग ने कहा कि नर्सिंग सत्र 2021-22 में जिस किसी भी छात्र का एडमिशन सूची में दी गई। कॉलेज में हो वह अपनी कॉलेज से फीस वापस ले सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित मामले को लेकर लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर बेंच में सुनवाई के दौरान यह बताया गया कि विगत वर्ष खुले हुए 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा 93 नर्सिंग कॉलेजों को भवन संबंधी नोटिस का जवाब ना देने के कारण मान्यता को निलंबित किया गया है। इसे लेकर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश लगातार फर्जी नर्सिंग बढ़ रही हैं। एनएसयूआई ने अपना विरोध भी दर्ज किया था जब सुनिता शिजू को रजिस्ट्रार बनाया। लेकिन शासन और प्रशासन ने मलाई खाने के लिए अयोग्य रजिस्ट्रार को बैठा रखा था। रवि ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने जो कार्यवाई की उसका हम स्वागत करते हैं। और सरकार से मांग करते हैं कि किसी योग्य रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंपी जाए।