भोपाल। राजधानी भोपाल में बारिश से 100 से ज्यादा कॉलोनियों में जलभराव और 20 से ज्यादा सड़के पानी में डूब गई। इसके लिए नगर निगम के कामकाज के साथ ही अब सत्ता धारी बीजेपी के विकास के दावों पर भी सवाल खड़े हो रहे है।   भोपाल नगर निगम में पिछले 5 सालों में नालों की सफाई, ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए। इसके बावजूद सोमवार को शहर पानी पानी हो गया। बारिश के पहले नालों और नालियों की साफ-सफाई में खानापूर्ति की गई। बारिश में पानी भराने वाली जगहों पर नाला निर्माण के प्रोजेक्ट कागजों से बाहर ही नहीं आ पाए।  निगम के अधिकारी नालों पर अतिक्रमण को हटाने में उदासीन रहे। इससे नाले सकरे होते जा रहे है। यहीं कारण है कि कई इलाकों में बरसात का पानी निकलने के लिए जगह ही नहीं बची। जिसके कारण कई कॉलोनियों में पानी भरा गया।

विकास के दावों की सामने आई हकीकत
लालघाट, बागसेवनिया, शाहपुरा, गुफा मंदिर, बैरागढ़, कोहेफिजा, बीडीए की कॉलोनी में दो से तीन फीट पानी भरा गया। मंगलवार को भी कई कॉलोनियों में पानी निकासी नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ा।  कई कॉलोनियों के बाहर मंगलवार को भी पानी निकासी नहीं हो सकी। अब जनता बीजेपी के विकास के दावों पर भी सवाल खड़ी कर रही है। लोगों का कहना है कि नगर निगम, विधानसभा और संसद में भाजपा का दबदबा रहा है। उनकी सेफ सीट पर शहर की ये हालत है। भाजपा के विकास के दावे हर स्तर पर यूं ही खोखले हैं। शहरवासियों को अब एक नयी सकारात्मक राजनीति अपनाने की ओर सोचने की जरूरत है। भोपाल नगर निगम में 6 विधानसभा क्षेत्र आते है। इनमें से तीन बीजेपी के पास है। सांसद बीजेपी से है। लोगों का कहना है कि इसके बावजूद भाजपा के विकास के दावे हर स्तर पर यूं ही खोखले हैं। शहरवासियों को अब एक नयी सकारात्मक राजनीति अपनाने की ओर सोचने की जरूरत है। वहीं, भोपाल में पानी भराने पर नरेला से विधायक और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 17 साल में इतनी बारिश हुई है। वहीं, बारिश के पानी का प्रेशर सीवरेज सिस्टम के क्षमता से ज्यादा था। इस वजह से कई इलाकों में समस्या बनी।