मुंबई । महाराष्ट्र की सत्ता को गवां चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बैठक बुलाई जिसमें 16 सांसदों ने उनसे कहा कि पार्टी को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देना चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होने हैं, और राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोई व्हिप नहीं है और सांसद अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकते हैं। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने मीडिया को बताया कि बैठक में 16 सांसदों ने इस बात पर सहमति जताई कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि व ‘आदिवासी समुदाय की महिला’ हैं। कीर्तिकर ने कहा, ‘वह एनडीए की उम्मीदवार हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं और एक महिला हैं। हमें उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए, यह सभी सांसदों (पार्टी के) की मांग रही। उद्धव जी ने हमसे कहा कि वह एक-दो दिन में हमें अपना फैसला बताएंगे।’ गजानन कीर्तिकर ने कहा कि शिवसेना के कुल 18 लोकसभा सांसदों में से 16 ने राष्ट्रपति चुनाव पर महत्वपूर्ण बैठक में शारीरिक रूप से भाग लिया और सभी मुर्मू का समर्थन करने पर सहमत हुए। सिर्फ दो शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और भावना गवली बैठक में नहीं उपस्थित थे।
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने आगे कहा कि पार्टी ने अतीत में यूपीए उम्मीदवारों- प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे, द्रौपदी मुर्मू के लिए अपने समर्थन की घोषणा करेंगे, क्योंकि वह एक आदिवासी महिला हैं, और राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीति से परे देखना महत्वपूर्ण होता है। कीर्तिकर ने कहा, ‘हमने यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था, क्योंकि वह एक मराठी महिला हैं। हमने यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। उद्धव जी उन्हें (द्रौपदी मुर्मू) समर्थन की घोषणा करेंगे, क्योंकि वह एक आदिवासी महिला हैं। हमें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीति से परे देखना चाहिए।’ शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि बैठक ‘मातोश्री’ में हुई, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई अन्य विवरण नहीं दिया। महाराष्ट्र में 18 लोकसभा सदस्यों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में शिवसेना के सांसद कलाबेन डेलकर भी हैं। आपको बता दें कि संयुक्त विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है। शरद पवार और उनकी पार्टी सिन्हा का समर्थन कर रही है। कांग्रेस भी सिन्हा के साथ है। शिवसेना इन दोनों दलों के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल है। अब पार्टी के सांसदों ने मुर्मू का समर्थन कर, पहले से ही बगावत का दर्द झेल रहे उद्धव ठाकरे को असमंजस में डाल दिया है।