जालना, महाराष्ट्र । महाराष्ट्र में सत्ता गवां चुके उद्धव ठाकरे अब अपनी पार्टी के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।  भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 12 सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के संपर्क में हैं और वे पाला बदलने के लिए तैयार हैं। दानवे ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकती है, क्योंकि वह आदिवासी हैं। जालना के सांसद ने कहा ‘शिवसेना के 12 सांसद पार्टी छोड़ने को तैयार हैं और वे एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होने को हैं।’
लोकसभा में शिवसेना के 18 सदस्य हैं। दानवे ने यह भी कहा कि शिंदे गुट ही वास्तविक शिवसेना है क्योंकि उन्हें कुल (55) विधायकों में से दो-तिहाई का समर्थन प्राप्त है। शिंदे ने पिछले महीने के अंत में शिवसेना में विद्रोह का नेतृत्व किया था और 40 विधायकों के साथ पार्टी से बाहर हो गए थे। उन्हें 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, जिसके कारण ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने चार जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत जीता। महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे ने पार्टी के विधायक दल के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन के आधार पर ‘मूल’ शिवसेना होने का दावा किया है। शिवसेना संसदीय दल में भी विभाजन दिख रहा है, जिसमें कम से कम 14 सांसद शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। शिंदे शिवसेना के कब्जे वाले नगर निकायों और नगर निगमों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और संगठन पर बढ़त भी बनाना चाहते हैं। ठाकरे ने 56 साल पहले अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना पर नियंत्रण बनाए रखने के प्रयास को दोगुना कर दिया था।
ठाकरे और उनके बेटे आदित्य पार्टी नेताओं से मिल रहे हैं और संगठन को और नुकसान से बचाने के लिए महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों का दौरा भी कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना विधायकों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के नव-निर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को उनकी अयोग्यता का अनुरोध करने वाली याचिका पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह ने विश्वास मत और विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप की अवहेलना करने के आधार पर याचिका में ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था।