अमेरिकी चुनाव के नतीजों की तस्वीर जैसे-जैसे थोड़ी साफ होती जा रही है, वहीं डॉलर में मजबूती बढ़ती जा रही है. इसके बाद डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट बढ़ गई और ये अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है. बुधवार को रुपये में 84.19 रुपये प्रति डॉलर के निचले लेवल देखे जा रहे हैं और ये ऐतिहासिक निचला स्तर है. आज सुबह डॉलर के मुकाबले रुपये में 5 पैसे की गिरावट के साथ कारोबार खुला था. डॉलर के मुकाबले 5 पैसे गिरकर 84.16 रुपये प्रति डॉलर पर करेंसी की शुरुआत हुई थी. इससे पहले मंगलवार को रुपया 84.11 के लेवल पर बंद हुआ था. 

क्या रिजर्व बैंक करेगा रुपये को सपोर्ट
रुपये में कमजोरी इतनी ज्यादा हो गई है कि अब ऐसा लग रहा है कि देश के केंद्रीय बैंक को इस मामले में दखल देना होगा और रुपये की कमजोरी थामने के उपाय करने होंगे. अमेरिकी डॉलर में मजबूती का रिवर्स असर भारतीय रुपये पर आ गया है और ये गिरावट के साथ खुला और लगातार निचले स्तर तोड़ता जा रहा है. 

प्रतिशत के हिसाब से कितनी है रुपये की गिरावट
आज की करेंसी गिरावट को देखें तो रुपया 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. 

अन्य एशियाई करेंसी की भी हालत पतली
चाइनीज युआन से लेकर कोरियन वॉन, मलेशियाई रिंगिट और थाई करेंसी में भी आज जोरदार गिरावट है और ये 1 फीसदी से लेकर 1.3 फीसदी तक नीचे कारोबार कर रही हैं. इस लिहाज से देखें तो प्रतिशत के हिसाब में भारतीय करेंसी इन एशियाई मुद्राओं से बेहतर स्थिति में है लेकिन घरेलू स्तर पर तो ये रिकॉर्ड लो लेवल पर आ ही चुकी हैं.

डॉलर इंडेक्स उछलकर 4 महीने के ऊंचे भाव पर
डॉलर इंडेक्स में 4 महीने का ऊंचा भाव देखा जा रहा है और ये 1.5 फीसदी उछलकर 105.19 पर आ गया है. ये तेजी खासतौर पर इसलिए भी आई है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की उम्मीद बढ़ती जा रही है जिसके चलते वहां ट्रंप टेड्स कहे जाने वाले ट्रेड में निवेशकों का इंटरेस्ट बढ़ता जा रहा है.

अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 10 साल के उच्च स्तर पर
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 15 बेसिस पॉइंट चढ़कर 4.44 फीसदी पर आ गई है जो कि इसका 10 साल का हाई लेवल है. इसके साथ ही यूएस इक्विटी फ्यूचर्स में तेज रैली देखी जा रही है.