नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ‘घृणित तथा समस्त मूल्यों एवं संस्कारों के विरुद्ध’ करार दिया। बीते शुक्रवार को भी संसद भवन परिसर में कांग्रेस का प्रदर्शन चल रहा था। इसी दौरान दौरान अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति के लिए 'राष्ट्रपत्नी' शब्द का इस्तेमाल किया। दरअसल, एक पत्रकार मैं अधीर रंजन चौधरी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि धरना देंगे, मार्च करेंगे, प्रदर्शन करेंगे। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। इसके बाद रिपोर्टर ने कहा कि कल आप राष्ट्रपति भवन जा रहे थे, जाने नहीं दिया गया। इसके जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि आज भी जाने की कोशिश करेंगे।
इसके बाद अधीर रंजन चौधरी की ओर से जो टिप्पणी की गई वह राष्ट्रपति पद की गरिमा के खिलाफ है। अपने बयान में अभी रंजन चौधरी ने कहा कि हिंदुस्तान की राष्ट्रपति सबके लिए है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की 'राष्ट्रपत्नी' सबके लिए है। हमारे लिए क्यों नहीं। अब इसी को लेकर भाजपा भी हमलावर हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जबरदस्त तरीके से अधीर रंजन चौधरी के बहाने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में घोषित हुआ तब से ही द्रौपदी मुर्मू कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का शिकार बनीं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कठपुतली कहा, अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा।
इसके बाद स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही कि एक आदिवासी महिला इस देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही हैं। सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया, यह जानते हुए कि उनका यह संबोधन भारत के हर मूल्य और संस्कार के विरुद्ध हैं, यह जानते हुए भी कि देश के सर्वोच्च पद की गरिमा को यह संबोधन अटैक करता है। तब भी कांग्रेस के इस पुरुष ने इस तरह का घृणित कार्य किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यह दुनिया और देश जानती हैं कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी और गरीबों के विरुद्ध रही है। उन्होंने कहा कि एक गरीब आदिवासी महिला पर यह टिप्पणी करना कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह संस्कार विहीन, मूल्य विहीन और संविधान को चोट पहुंचाने वाला काम किया है। पार्टी ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी महिला का अनादर करने के लिए कांग्रेस से माफी मांगने की मांग की।
स्मृति ने कहा, ‘मुर्मू के एक ऐतिहासिक चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि एक आदिवासी, गरीब महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का इस हद तक गिर जाना... देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी और गरीब परिवार की महिला का इस प्रकार से अनादर करना... उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाना... कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह संस्काररहित, मूल्यविहीन एवं संविधान को चोट पहुंचाने वाला काम किया है।’ उन्होंने कहा कि संसद में और सड़क पर कांग्रेस और उनके नेताओं को देश की प्रथम नागरिक और देश से माफी मांगनी चाहिए।