जीवन मंत्र
अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है ज्ञान
23 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
बुद्धि अच्छी चीज है, पर कोरी बौद्धिकता ही सब कुछ नहीं है। इससे व्यक्ति के जीवन में नीरसता और शुष्कता आती है। ज्ञान अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है, इसलिए यह अपने...
आपने कभी सोचा है, साथ क्या जाएगा ?
22 Jul, 2023 06:45 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
आज के इस भौतिकवादी युग का तथाकथित प्रगतिशील मनुष्य विकास की अंधी दौड़ में पूरा जीवन विकास के नाम पर भविष्य की चिंता करते हुए अपने लिए गाड़ी, बंगला, धन-संपत्ति...
चाणक्य नीति: जीवन में सुख शांति लाने के लिए इन चीजों से रहें दूर
20 Jul, 2023 06:15 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों की श्रेणी में स्थान प्राप्त हैं इनकी नीतियां दुनियाभर में प्रसिद्ध मानी जाती हैं। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को...
कर्म के पाप-पुण्य में फंस जाता है जीव
20 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
ईश्वर क्षेत्रज्ञ या चेतन है, जैसा कि जीव भी है, लेकिन जीव केवल अपने शरीर के प्रति सचेत रहता है, जबकि भगवान समस्त शरीरों के प्रति सचेत रहते हैं। चूंकि...
सुख की उपेक्षा क्यों?
19 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
मेरे पास लोग आते हैं। जब वे अपने दुख की कथा रोने लगते हैं, तो बड़े प्रसन्न मालूम होते हैं। उनकी आंखों में चमक मालूम होती है। जैसे कोई बड़ा...
सुख के स्वभाव में डूबो
18 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
लगता है, आदमी दुख का खोजी है। दुख को छोड़ता नहीं, दुख को पकड़ता है। दुख को बचाता है। दुख को संवारता है; तिजोरी में संभालकर रखता है।
दुख का...
कर्त्तव्य को बनाएं सर्वोपरि लक्ष्य
16 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
अध्यापक ने विद्यार्थियों से पूछा- ‘रामायण और महाभारत में क्या अंतर है?’ विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी समझ के अनुसार उत्तर दिए।
अध्यापक को संतोष नहीं हुआ। एक विद्यार्थी ने अनुरोध किया- ‘आप...
व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया
15 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
बदलाव का क्रम निरंतर चलता है। जैन दर्शन इस क्रम को पर्याय-परिवर्तन के रूप में स्वीकार करता है। पर्याय का अर्थ है अवस्था। प्रत्येक वस्तु की अवस्था प्रतिक्षण बदलती है।...
दूसरों के दुख से अपना दुख ज्यादा बेहतर
14 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
एक कहावत है राजा दुखी, प्रजा दुखी सुखिया का दुख दुना। कहने का अर्थ यह है कि संसार में जिसे देखो वह अपने को दुखी ही कहेगा। राजा का अपना...
प्रकाशस्रोत परमात्मा
13 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
परमात्मा या भगवान ही सूर्य, चन्द्र तथा नक्षत्रों जैसी प्रकाशमान वस्तुओं के प्रकाशस्रोत हैं। वैदिक साहित्य बताता है कि वैकुंठ राज्य में सूर्य या चन्द्रमा की आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि...
अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है ज्ञान
12 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
बुद्धि अच्छी चीज है, पर कोरी बौद्धिकता ही सब कुछ नहीं है। इससे व्यक्ति के जीवन में नीरसता और शुष्कता आती है। ज्ञान अंतर्दृष्टि से अनुबंधित है, इसलिए यह अपने...
भगवान की विचारणाएं
11 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
जब मनुष्य इस जिम्मेदारी को समझ ले कि मैं क्यों पैदा हुआ हूं और पैदा हुआ हूं तो मुझे क्या करना चाहिए? भगवान द्वारा सोचना, विचारना, बोलना, भावनाएं आदि अमानतें...
प्रार्थना की पुकार
10 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
यदि प्रार्थना सच्ची हो तो परमपिता परमेश्वर उस प्रार्थना को जरूर ही सुनते हैं। परमपिता परमेश्वर अत्यंत कृपालु और दयालु हैं, परंतु प्रार्थना के लिए भी हृदय का पवित्र और...
विवेक ही धर्म है
9 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
युग के आदि में मनुष्य भी जंगली था। जब से मनुष्य ने विकास करना शुरू किया, उसकी आवश्यकताएं बढ़ गई। आवश्यकताओं की पूर्ति न होने से समस्या ने जन्म लिया।समस्या...
तुम्हारी सम्पदा है निष्ठा
8 Jul, 2023 06:00 AM IST | RAJDHANIMEDIA.IN
यदि तुम सोचने हो कि ईश्वर में तुम्हारी निष्ठा ईश्वर का कुछ हित कर रही है, तो यह भूल है। ईश्वर या गुरु में तुम्हारी निष्ठा ईश्वर या गुरु का...